महामना की बगिया “काशी हिन्दू विश्वविद्यालय” का इतिहास !

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“काशी हिन्दू विश्वविद्यालय” जिसे प्रायः आम बोलचाल की भाषा में बीएचयू (बनारस हिन्दू युनिवर्सिटी) कहा जाता है, वाराणसी में स्थित एक केन्द्रीय विश्वविद्यालय है। इस विश्वविद्यालय की स्थापना महामना पंडित मदन मोहन मालवीय द्वारा सन् 1916 में बसंत पंचमी के पावन दिवस पर की गई थी। आज हम अपने इस आर्टिकल में आपको बताने जा रहे हैं महामना की बगिया कहे जाने वाले “काशी हिन्दू विश्वविद्यालय” का इतिहास तो आइये शुरुआत करते हैं !

काशी हिन्दू विश्वविद्यालय का इतिहास !

“काशी हिन्दू विश्वविद्यालय” जिसे प्रायः आम बोलचाल की भाषा में बीएचयू (बनारस हिन्दू युनिवर्सिटी) कहा जाता है, वाराणसी में स्थित एक केन्द्रीय विश्वविद्यालय है। इस विश्वविद्यालय की स्थापना महामना पंडित मदन मोहन मालवीय द्वारा सन् 1916 में बसंत पंचमी के पावन दिवस पर की गई थी। आज हम अपने इस आर्टिकल में आपको बताने जा रहे हैं महामना की बगिया कहे जाने वाले “काशी हिन्दू विश्वविद्यालय” का इतिहास तो आइये शुरुआत करते हैं !

वैसे तो महामना पंडित मदनमोहन मालवीय जी ने काशी हिंदू विश्वविद्यालय की स्थापना का श्रीगणेश 1904 ई. में ही कर दिया था, जब काशी नरेश महाराज प्रभुनारायण सिंह की अध्यक्षता में संस्थापकों की प्रथम बैठक हुई। 1905 ई. में विश्वविद्यालय का प्रथम पाठ्यक्रम प्रकाशित हुआ। जनवरी, 1906 ई. में कुंभ मेले में मालवीय जी ने त्रिवेणी संगम पर भारत भर से आयी जनता के बीच अपने संकल्प को दोहराया। कहा जाता है, वहीं एक वृद्धा ने मालवीय जी को इस कार्य के लिए सर्वप्रथम एक पैसा चन्दे के रूप में दिया था।

इसके बाद तत्कालीन समय में डॉ॰ ऐनी बेसेन्ट भी काशी में विश्वविद्यालय की स्थापना के विचार को लेकर आगे बढ़ रही थीं। तथा इन्हीं दिनों दरभंगा के राजा महाराजा रामेश्वर सिंह भी काशी में “शारदा विद्यापीठ” की स्थापना करना चाहते थे, लेकिन इन तीनों की योजना परस्पर विरोधी थी। बाद में मालवीय जी ने डॉ॰ बेसेंट और महाराज रामेश्वर सिंह से परामर्श कर उन्हें अपनी योजना में सहयोग देने के लिए उन दोनों को राजी कर लिया। फलस्वरूप 15 दिसम्बर 1911 को बनारस हिंदू यूनिवर्सिटी सोसाइटी की स्थापना हुई, जिसमे महाराज दरभंगा (अध्यक्ष), इलाहाबाद उच्च न्यायालय के प्रमुख बैरिस्टर सुन्दरलाल (सचिव), और महाराज प्रभुनारायण सिंह, पंडित मदनमोहन मालवीय के साथ डॉ॰ ऐनी बेसेंट सम्मानित सदस्य थीं।

तत्कालीन शिक्षामंत्री सर हारकोर्ट बटलर के प्रयास से 1915 ई. में केंद्रीय विधानसभा से हिंदू यूनिवर्सिटी ऐक्ट पारित हुआ, जिसे तत्कालीन गवर्नर जनरल लार्ड हार्डिंज ने तुरन्त स्वीकृति प्रदान कर दी। तत्पश्चात 14 जनवरी 1916 ई. (वसंतपंचमी) के दिन ससमारोह वाराणसी में गंगातट के पश्चिम, रामनगर के समानान्तर महाराज प्रभुनारायण सिंह द्वारा प्रदत्त भूमि पर काशी हिंदू विश्वविद्यालय का शिलान्यास हुआ। उक्त समारोह में देश के अनेक गवर्नरों, राजे-रजवाड़ों तथा सामंतों ने गवर्नर जनरल एवं वाइसराय का स्वागत तथा महामना पंडित मदन मोहन मालवीय जी का सहयोग करने के लिए हिस्सा लिया।

इस अवसर पर वहां अनेक शिक्षाविद् वैज्ञानिक एवं समाजसेवी भी उपस्थित थे। गांधी जी भी विशेष निमन्त्रण पर पधारे थे। अपने वाराणसी आगमन पर गांधी जी ने डॉ॰ बेसेंट की अध्यक्षता में आयोजित सभा में राजा-रजवाड़ों, सामन्तों तथा देश के अनेक गण्यमान्य लोगों के बीच, अपना वह ऐतिहासिक भाषण दिया था , जिसमें एक ओर ब्रिटिश सरकार की और दूसरी ओर हीरे-जवाहरात तथा सरकारी उपाधियों से लदे, देशी रियासतों के शासकों की घोर भर्त्सना की गई थी।

तत्पश्चात 1916 ई. में आयी बाढ़ के कारण स्थापना स्थल से कुछ दूर पश्चिम में हटकर 1300 एकड़ भूमि में निर्मित वर्तमान विश्वविद्यालय में सबसे पहले इंजीनियरिंग कालेज का निर्माण हुआ तत्पश्चात क्रमशः आर्ट्स कालेज एवं साइंस कालेज स्थापित किया गया। इसके बाद डॉ॰ बेसेंट द्वारा बनारस में स्थापित सेंट्रल हिंदू कालेज में काशी हिंदू विश्वविद्यालय का विधिवत शिक्षणकार्य, 1 अक्टूबर 1917 से आरम्भ हुआ। इसके बाद 1921 ई. से विश्वविद्यालय की पूरी पढ़ाई कमच्छा कॉलेज से स्थानांतरित होकर नए भवनों में प्रारंभ हुई। तथा विश्वविद्यालय का औपचारिक उद्घाटन 13 दिसम्बर 1921 को प्रिंस ऑव वेल्स ने किया।

काशी हिन्दू विश्वविद्यालय परिसर !

इस विश्वविद्यालय के दो परिसर हैं। मुख्य परिसर (क्षेत्रफल : करीब 1300 एकड़) में वाराणसी में स्थित है जिसकी भूमि काशी नरेश ने दान की थी। मुख्य परिसर में 6 संस्थान्, 14 संकाय और लगभग 140 विभाग है। विश्वविद्यालय का दूसरा परिसर मिर्जापुर जनपद में बरकछा नामक जगह में (क्षेत्रफल : करीब 2700 एकड़) पर स्थित है। 75 छात्रावासों के साथ यह एशिया का सबसे बड़ा आवासीय विश्वविद्यालय है जिसमें करीब 32000 से भी ज्यादा छात्र अध्ययनरत हैं जिनमें लगभग 34 देशों से आये हुए छात्र भी शामिल हैं।

विश्वविद्यालय के वाराणसी परिसर के प्रांगण में भगवान विश्वनाथ का एक विशाल मंदिर है। इसके अलावा सर सुंदरलाल चिकित्सालय, गोशाला, प्रेस, बुक-डिपो एवं प्रकाशन, टाउन कमेटी (स्वास्थ्य), पी.डब्ल्यू.डी., स्टेट बैंक ऑफ इंडिया की शाखा, पर्वतारोहण केंद्र, एन.सी.सी. प्रशिक्षण केंद्र, “हिंदू यूनिवर्सिटी” नामक डाकखाना एवं सेवायोजन कार्यालय भी विश्वविद्यालय तथा जनसामान्य की सुविधा के लिए इसमें संचालित हैं।

काशी हिन्दू विश्वविद्यालय के उद्देश्य !

काशी हिन्दू विश्वविद्यालय के उद्देश्य निम्नलिखित हैं :

(1) अखिल जगत की सर्वसाधारण जनता के, एवं मुख्यतः हिन्दुओं के, लाभार्थ हिन्दूशास्त्र तथा संस्कृत साहित्य की शिक्षा का प्रसार करना, जिससे प्राचीन भारत की संस्कृति और उसके उत्तम विचारों की रक्षा हो सके, तथा प्राचीन भारत की सभ्यता में जो कुछ महान तथा गौरवपूर्ण था, उसका निदर्शन हो।
(2) सामान्यतः कला तथा विज्ञान की समस्त शाखाओं में शिक्षा एवं अनुसन्धान को बढ़ावा देना।
(3) भारतीय घरेलू उद्योगों की उन्नति और भारत की द्रव्य-सम्पदा के विकास में सहायक आवश्यक व्यावहारिक ज्ञान से युक्त वैज्ञानिक, तकनीकी तथा व्यावसायिक ज्ञान का प्रचार और प्रसार करना।
(4) धर्म तथा नीति को शिक्षा का आवश्यक अंग मानकर नवयुवकों में सुन्दर चरित्र का गठन करना।

काशी हिन्दू विश्वविद्यालय के प्रमुख संस्थान !

काशी हिन्दू विश्वविद्यालय में प्रमुख संस्थान निम्नलिखित हैं :

(1) चिकित्सा विज्ञान संस्थान
(2) कृषि विज्ञान संस्थान
(3) पर्यावरण एवं संपोष्य विकास संस्थान
(4) भारतीय प्रौद्यौगिकी संस्थान
(5) प्रबन्ध शास्त्र संस्थान
(6) विज्ञान संस्थान

काशी हिन्दू विश्वविद्यालय के प्रमुख संकाय !

काशी हिन्दू विश्वविद्यालय में प्रमुख संकाय निम्नलिखित हैं :

(1) आयुर्वेद संकाय
(2) संस्कृत विद्या धर्म विज्ञान संकाय
(3) संगीत एवं मंच कला संकाय
(4) दृश्य कला संकाय
(5) कला संकाय
(6) वाणिज्य संकाय
(7) शिक्षा संकाय
(8) विधि संकाय
(9) सामाजिक विज्ञान संकाय

काशी हिन्दू विश्वविद्यालय से संबद्ध महाविद्यालय !

काशी हिन्दू विश्वविद्यालय से संबद्ध महाविद्यालय निम्नलिखित हैं :

(1) महिला महाविद्यालय, लंका, वाराणसी
(2) वसन्त कन्या महाविद्यालय, वाराणसी
(3) बसन्त कॉलेज, राजघाट, वाराणसी
(4) डी.ए.वी. कॉलेज, वाराणसी
(5) आर्य महिला डिग्री कालेज, चेतगंज, वाराणसी
(6) राजीव गांधी दक्षिणी परिसर बरकच्छा, मिर्जापुर

काशी हिन्दू विश्वविद्यालय से संबद्ध विद्यालय !

काशी हिन्दू विश्वविद्यालय से संबद्ध विद्यालय निम्नलिखित हैं :

(1) श्री रणवीर संस्कृत विद्यालय, कमच्छा, वाराणसी
(2) केन्द्रीय हिन्दू विद्यालय, वाराणसी
(3) केन्द्रीय हिन्दू कन्या विद्यालय, वाराणसी

हम उम्मीद करते हैं, की हमारे द्वारा पेश किया गया ये संकलन आप सभी को बहुत पसंद आएगा ! यदि आप हमे कोई सुझाव देना चाहते हैं अथवा हमसे कोई प्रश्न पूछना चाहते हैं तो कमेंट बॉक्स के माध्यम से दे अथवा पूछ सकते हैं ! धन्यवाद् !!

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